जल बिना सागर नहीं होता,
सागर बिना सीप नहीं होती।
सीप बिना मोती नहीं होता,
मोती बिना माला नहीं होती॥
माला बिना जप नहीं होता,
जप बिना प्यार नहीं होता।
प्यार बिना जग नहीं होता,
प्रेम बिना जीवन नहीं होता॥
सत्य बिना सत्संग नहीं होता,
सत्संग बिना अज्ञान नहीं मिटता।
अज्ञान बिना मिटे कर्म नहीं होता,
कर्म बिना अनुभव नहीं होता॥
अनुभव बिना ज्ञान नहीं होता,
ज्ञान बिना प्रकाश नहीं होता।
प्रकाश बिना दर्शन नहीं होता,
प्रेम बिना जीवन नहीं होता।