हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी।
तेरी हो गयी, बस तो तेरी हो गयी॥
यमुना किनारे मेरी लडी थी नजरिया,
काँटों में उलझ गयी मेरी चुनरिया।
फूलों को छोड़ मैं तो कांटो से उलझ गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥
जहर का प्याला राणा मीरा को दिया,
पल में प्रभु जी तूने अमृत बना दिया।
मीरा दुनियाँ में हर मन बस गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥
राधा का भी श्याम तू मीरा का भी श्याम है,
तेरे चरणों में मेरा बारम्बार प्रणाम है।
जग को भूल मैं तो तेरे चरणों में खो गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥
जब तक इस तन में प्राण रहेंगे,
तब तक कन्हैया-कन्हैया पुकारा करेंगे।
राधा दीवानी हो गयी मीरा मस्तानी हो गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥