Friday, March 11, 2011

॥ मनवा गोविन्द के गुण गा ले ॥


छोड़ के सारे बन्धन जग के,
कृष्णा से प्रीत लगा ले।
गोविन्द के गुण गा ले,
मनवा गोपाल के गुण गा ले॥

भुगत लिये सुख-दुख जग के,
सभी अरमान निकाले।
अब भी समय है मूरख वन्दे,
जी भर कर पछता ले॥

यहाँ सभी को मिलते धोखे,
किन-किन से पड़ते पाले॥
गोविन्द के गुण गा ले,
मनवा गोपाल के गुण गा ले॥

जगत के सब आकर्षण नश्वर,
सब हैं तेरे देखे भाले।
भटक रहा अब तक प्यारे,
पग-पग मिले तुझे छाले॥

कर ले भक्ति प्रभु की अब,
कृपा कृष्ण की तू पा ले।
गोविन्द के गुण गा ले,
मनवा गोपाल के गुण गा ले॥

जाने किन-किन पापों से,
कितने ही घट भर डाले।
तोड़ दे घटों को अब तो,
कहीं पड़ न जायें लाले॥

छोड़ के सारे बन्धन जग के,
कृष्णा से प्रीत लगा ले।
गोविन्द के गुण गा ले,
मनवा गोपाल के गुण गा ले॥