Saturday, May 31, 2014

॥ छोटी सी है जिन्दगी ॥


छोटी सी है जिन्दगी, हर बात में खुश रहता हूँ।
पास नहीं जो चेहरे, उनकी यादों में खुश रहता हूँ॥

मिला जो भी, उसे ईश प्रसाद मान के खुश रहता हूँ।
जो मिला नहीं, उसे प्रभु कृपा समझ के खुश रहता हूँ॥

कोई रूठा है तो, उसके इस अंदाज पर खुश रहता हूँ।
सदा हर गुजरे लम्हों से, सीख लेकर खुश रहता हूँ॥

छोड़ के कल की चिन्ता, इस आज में खुश रहता हूँ।
कोई साथ नहीं देता सदा, अपने आप में खुश रहता हूँ॥

आशा खुशियों की त्याग, सबकी मुस्कान में खुश रहता हूँ। 
जीवन है एक बुलबुला, इसलिए हर हाल में खुश रहता हूँ॥

Friday, May 23, 2014

॥ युगल स्तुति ॥



जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे।
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥

श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे।
रसिक रसिलौ छैल छबीलौ, गुण गर्बीलौ श्री कृष्णा॥

रासविहारिनि रसविस्तारिनि, प्रिय उर धारिनि श्री राधे।
नव-नवरंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा॥

प्राण पियारी रूप उजियारी, अति सुकुमारी श्री राधे।
कीरतिवन्ता कामिनीकन्ता, श्री भगवन्ता श्री कृष्णा॥

शोभा श्रेणी मोहा मैनी, कोकिल वैनी श्री राधे।
नैन मनोहर महामोदकर, सुन्दरवरतर श्री कृष्णा॥

चन्दावदनी वृन्दारदनी, शोभासदनी श्री राधे।
परम उदारा प्रभा अपारा, अति सुकुमारा श्री कृष्णा॥

हंसा गमनी राजत रमनी, क्रीड़ा कमनी श्री राधे।
रूप रसाला नयन विशाला, परम कृपाला श्री कृष्णा॥

कंचनबेली रतिरसवेली, अति अलवेली श्री राधे।
सब सुखसागर सब गुन आगर, रूप उजागर श्री कृष्णा॥

रमणीरम्या तरूतरतम्या, गुण आगम्या श्री राधे।
धाम निवासी प्रभा प्रकाशी, सहज सुहासी श्री कृष्णा॥

शक्त्यहलादिनि अतिप्रियवादिनि, उरउन्मादिनि श्री राधे।
अंग-अंग टोना सरस सलौना, सुभग सुठौना श्री कृष्णा॥

राधानामिनि गुणअभिरामिनि, हरिप्रियास्वामिनीश्री राधे।
हरे हरे हरि हरे हरे हरि, हरे हरे हरि श्री कृष्णा॥

Wednesday, May 21, 2014

॥ तू ही तो है मोरा नन्दनन्दन ॥



तू ही तू ही तू ही तो है मेरा नन्दनन्दन।
मैं भी मैं भी मैं भी तो हूँ तेरा नन्दनन्दन॥

तू ही मेरा तू ही मेरा स्वामी नन्दनन्दन।
तू ही मेरा तू ही मेरा सखा नन्दनन्दन॥
तू ही मेरा तू ही मेरा सुत नन्दनन्दन।
तू ही मेरा तू ही मेरा प्रिय नन्दनन्दन।

तू ही मेरी गति-मति रति नन्दनन्दन।
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं नन्दनन्दन।
तू ही मम माता-पिता भ्राता नन्दनन्दन।
तेरा ही कहा हुआ है यह नन्दनन्दन।

तू ही तू ही तू ही तो है मेरा नन्दनन्दन।
मैं भी मैं भी मैं भी तो हूँ तेरा नन्दनन्दन॥

माना मैं हूँ अति ही पतित नन्दनन्दन।
तू भी तो है पतित पावन नन्दनन्दन।
माना मैं हूँ अति दीन-हीन नन्दनन्दन।
तू भी तो है दीनानाथ मम नन्दनन्दन।

माना मैंनें पिछला बिगाड़ा नन्दनन्दन।
अगला तो अब तू बना दे नन्दनन्दन।
माना मैं हूँ सब बिधि दोषी नन्दनन्दन।
तू तो है कृपालु कृपा करो नन्दनन्दन।

तू ही तू ही तू ही तो है मेरा नन्दनन्दन।
मैं भी मैं भी मैं भी तो हूँ तेरा नन्दनन्दन॥

Saturday, May 17, 2014

॥ हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥



वृन्दावन के बांके बिहारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥
वृन्दावन के बांके बिहारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥

हम तुम्हारे पराये नहीं हैं, गैर के दर पे आये नहीं हैं।
हम तुम्हारे पुराने पुजारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥

हरिदास के राज दुलारे, नन्द यशोदा के आखोँ के तारे।
राधा के सावरे गिरिधारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥

बंद कमरों में कब तक छुपोगे, लाख पर्दों में छुप न सकोगे।
तुम हो ग्वाले तो हम हैं व्यापारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥ 

वृन्दावन के बांके बिहारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥
वृन्दावन के बांके बिहारी, हमसे पर्दा करो ना मुरारी॥


Tuesday, May 13, 2014

॥ तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हें मना लेंगे ॥



तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हें मना लेंगे।
आहों में असर होगा घर बेठे बुला लेंगे॥

तुम तो कहते हो मोहन हमें मधुवन प्यारा है।
एक बार तो आ जाओ मधुवन ही बना लेंगे॥

तुम तो कहते हो मोहन हमें राधा प्यारी है।
एक बार तो आ जाओ राधा से मिला लेंगे॥

तुम तो कहते हो मोहन हमें माखन प्यारा है।
एक बार तो आ जाओ माखन ही खिला देंगे॥

तुम तो कहते हो मोहन हमें कहाँ बिठाओगे है।
इस दिल में तो आ जाओ पलकों पे बिठा लेंगे॥

तुम हमको न चाहो इसकी हमें परवाह नहीं।
हम बात के पक्के हैं तुम्हें अपना बना लेंगे॥

लगी आग जो सीने में तेरी प्रेम जुदाई की।
हम प्रेम प्रेम की धारा से लगी दिल की बुझा लेंगे॥

तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हें मना लेंगे।
आहों में असर होगा घर बेठे बुला लेंगे॥

Monday, May 12, 2014

॥ मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥



मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल।
जाके घुंघरवारे बाल, मेरो यशोदा को लाल॥

जाके लोचन रसाल, मेरो यशोदा को लाल।
मेरो प्यारो नंदलाल, मेरो मदन गुपाल।
मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥

मैं तो है गई मालामाल, मेरो यशोदा को लाल।
मेरो जीवन गुपाल, मेरो प्यारो नंदलाल।
मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥

वो तो कारण बिनु कृपाल, मेरो यशोदा को लाल।
मेरो जीवन आधार, मेरो प्यारो नंदलाल।
मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥

जाके नीले नीले गाल, मेरो यशोदा को लाल।
जाके होंठ लाल लाल, मेरो साँचो यार गुपाल।
मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥

मैं नचाऊँ दै के ताल, मेरो यशोदा को लाल।
मेरो मातु पितु लाल, मैरो प्यारो मदन गुपाल।
मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥

नाचे गोपीजन ताल, मेरो यशोदा को लाल।
जाके डर से डरे काल, मेरो प्यारो नन्दलाल॥
मतवारी प्यारी चाल, मेरो यशोदा को लाल॥

Friday, May 9, 2014

॥ जग मे सुंदर हैं दो नाम ॥


जग मे सुंदर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम॥

माखन बृज मे एक चुरावे, एक बेर भिलनी के खावे।
प्रेम भावः से भरे अनोखे, दोनों के है काम॥

चाहे कृष्ण कहो या राम।
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम॥

एक कंस पापी को मारे, एक दुष्ट रावण संहारे।
दोनों दीन के दुःख हरत है, दोनों बल के धाम॥

चाहे कृष्ण कहो या राम।
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम॥

एक हृदय में प्रेम बढावे एक ताप संताप मिटावे।
दोनों सुख सागर और दोनों पूरण काम।

चाहे कृष्ण कहो या राम।
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम॥

एक राधिका के संग राजे, एक जानकी संग विराजे।
चाहे सीताराम कहो, या बोलो राधेश्याम॥

जग मे सुंदर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम।
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम ॥

Wednesday, May 7, 2014

॥ हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी ॥


हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी।
तेरी हो गयी, बस तो तेरी हो गयी॥ 

यमुना किनारे मेरी लडी थी नजरिया,
काँटों में उलझ गयी मेरी चुनरिया।
फूलों को छोड़ मैं तो कांटो से उलझ गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥

जहर का प्याला राणा मीरा को दिया,
पल में प्रभु जी तूने अमृत बना दिया।
मीरा दुनियाँ में हर मन बस गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥

राधा का भी श्याम तू मीरा का भी श्याम है, 
तेरे चरणों में मेरा बारम्बार प्रणाम है।
जग को भूल मैं तो तेरे चरणों में खो गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥

जब तक इस तन में प्राण रहेंगे, 
तब तक कन्हैया-कन्हैया पुकारा करेंगे।
राधा दीवानी हो गयी मीरा मस्तानी हो गयी,
हे कान्हा मैं तो तेरी हो गयी॥